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"शीघ्रपतन का अर्थ है यौन संबंध के दौरान अचानक वीर्...

"शीघ्रपतन का अर्थ है यौन संबंध के दौरान अचानक वीर्यस्राव हो जाना, जो कि सामान्य रूप से यौन संबंध की अवधि को बढ़ाने में असफलता का कारण बन सकता है। यह एक सामान्य सेक्सुअल परिस्थिति है और कई पुरुषों को प्रभावित कर सकती है। यह कई कारणों से हो सकता है, जैसे कि अत्यधिक रूप से उत्तेजित होना, अत्यधिक स्त्रेस, यौन समस्याएं, न्यूरोलॉजिकल कारण, आदि। इस समस्या का समाधान करने के लिए विभिन्न उपाय और उपचार मौजूद हैं जैसे कि व्यायाम, योग, ध्यान, डॉक्टर की सलाह लेना, आदि।[1]

सेक्स के मामले में यह शब्द वीर्य के स्खलन के लिए प्रयोग किया जाता है। पुरुष की इच्छा के विरुद्ध उसका वीर्य अचानक स्खलित हो जाए, स्त्री सहवास करते हुए संभोग शुरू करते ही वीर्यपात हो जाए और पुरुष रोकना चाहकर भी वीर्यपात होना रोक न सके, अधबीच में अचानक ही स्त्री को संतुष्टि व तृप्ति प्राप्त होने से पहले ही पुरुष का वीर्य स्खलित हो जाना या निकल जाना, इसे शीघ्रपतन होना कहते हैं। इस व्याधि का संबंध स्त्री से नहीं होता, पुरुष से ही होता है और यह व्याधि सिर्फ पुरुष को ही होती है। शीघ्र पतन की सबसे खराब स्थिति यह होती है कि सम्भोग क्रिया शुरू होते ही या होने से पहले ही वीर्यपात हो जाता है। सम्भोग की समयावधि कितनी होनी चाहिए यानी कितनी देर तक वीर्यपात नहीं होना चाहिए, इसका कोई निश्चित मापदण्ड नहीं है। यह प्रत्येक व्यक्ति की मानसिक एवं शारीरिक स्थिति पर निर्भर होता है।

समय से पहले वीर्य का स्खलित हो जाना शीघ्रपतन है। यह “समय” कोई निश्चित समय नहीं है पर जब “एंट्री” के साथ ही “एक्सिट” होने लगे या स्त्री-पुरुष अभी चरम पर न हो और स्खलन हो जाए तो यह शीघ्रपतन (Premature Ejaculation) है। ऐसे में असंतुष्टि, ग्लानी, हीन-भावना, नकारात्मक विचारो का आना एवं अपने साथी के साथ संबंधों में तनाव आना मुमकिन है।

यहाँ यह समझ लेना जरूरी है कि जरूरी नहीं �
 2025-04-24T12:21:39